
देश भर के करोड़ों किसान एक बार फिर केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) योजना की अगली किस्त का इंतजार कर रहे हैं। किसानों के चेहरों पर उम्मीद की नई रोशनी तब आएगी जब उनके खातों में 21वीं किस्त के रूप में ₹2000 की राशि आएगी। सरकार इस भुगतान को जल्द जारी करने की तैयारी में जुटी है ताकि छोटे और सीमांत किसानों को समय पर आर्थिक राहत मिल सके।
इस महीने में आ सकती है किस्त
कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त अप्रैल 2025 के अंतिम सप्ताह या मई 2025 के पहले सप्ताह में जारी की जा सकती है। सभी राज्यों को लाभार्थियों का डेटा अपडेट और वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी तरह की त्रुटि से बचा जा सके। अगर यह प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाती है, तो मई के पहले हफ्ते में किसानों के खातों में किस्त ट्रांसफर कर दी जाएगी।
ई-केवाईसी है जरूरी, वरना रुक जाएगी किस्त
सरकार ने साफ कर दिया है कि जिन किसानों की E-KYC पूरी नहीं हुई है, उनके खातों में 21वीं किस्त की राशि नहीं आएगी। ई-केवाईसी करना बहुत आसान है। किसान pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाकर “Farmer Corner” सेक्शन में “e-KYC” विकल्प चुनें और अपना आधार नंबर डालें। मोबाइल पर आने वाले OTP से वेरिफिकेशन पूरा किया जा सकता है।
यदि किसी कारणवश ऑनलाइन ई-केवाईसी संभव नहीं है, तो किसान अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र (CSC) या कृषि विभाग कार्यालय में भी यह कार्य कर सकते हैं। बिना ई-केवाईसी के भुगतान रोका जा सकता है, इसलिए इसे समय पर पूरा करना आवश्यक है।
किसे मिलेगा पीएम किसान 21वीं किस्त का लाभ?
इस योजना का लाभ केवल योग्य किसानों को ही मिलता है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि:
- किसान के नाम पर खेती योग्य जमीन होनी चाहिए।
- बैंक खाता आधार से लिंक होना जरूरी है।
- भूमि रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन होना चाहिए।
- टैक्सपेयर और सरकारी कर्मचारी इस योजना के पात्र नहीं हैं।
हर किस्त के पहले सरकार लाभार्थियों की सूची की दोबारा जांच करती है ताकि भुगतान केवल योग्य किसानों तक पहुंचे।
इस तरह चेक करें कि किस्त आई या नहीं
अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी 21वीं किस्त आपके बैंक खाते में क्रेडिट हुई है या नहीं, तो घर बैठे जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इसके लिए:
- pmkisan.gov.in वेबसाइट खोलें।
- “Farmer Corner” सेक्शन में “Beneficiary Status” पर क्लिक करें।
- अपने आधार नंबर या मोबाइल नंबर से लॉग-इन करें।
- “Get Data” बटन पर क्लिक करें।
स्क्रीन पर तुरंत स्टेटस दिखाई देगा। अगर “Payment Success” लिखा आता है, तो पैसा आपके खाते में भेजा जा चुका है। वहीं “Pending” दिखने का मतलब है कि आपका डेटा अभी सत्यापन में है।
लाभार्थी सूची में नाम ऐसे देखें
कई बार किसान यह जानना चाहते हैं कि उनका नाम इस बार की लाभार्थी सूची में है या नहीं। इसके लिए वेबसाइट पर जाकर:
- “Farmer Corner” में “Beneficiary List” विकल्प पर क्लिक करें।
- अपने राज्य, जिला, ब्लॉक और गांव का नाम चुनें।
- सबमिट करने के बाद आपकी पंचायत की सूची खुल जाएगी।
- यहाँ आप लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं।
सूची में नाम मिलने का मतलब है कि आप पात्र हैं और जल्द ही किस्त प्राप्त होगी। अगर नाम नहीं दिखता है, तो हो सकता है आपका रिकॉर्ड वेरिफिकेशन में हो या जानकारी अधूरी हो।
अगर पैसा नहीं आया तो क्या करें?
कई बार तकनीकी कारणों से राशि रुक जाती है — जैसे बैंक खाते में नाम की गलती, गलत आधार नंबर, या NPCI लिंकिंग में त्रुटि।
ऐसी स्थिति में किसान को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
- पहले अपने बैंक खाते की जानकारी जांचें।
- अगर जानकारी सही है और पैसा नहीं आया, तो pmkisan.gov.in पर “Helpdesk” सेक्शन में शिकायत दर्ज करें।
- अपने ब्लॉक के कृषि अधिकारी से संपर्क करें।
- इसके अलावा किसान हेल्पलाइन नंबर 155261, 011-24300606, या टोल फ्री 1800115526 पर संपर्क किया जा सकता है।
भुगतान सीधे बैंक खाते में
कृषि मंत्रालय ने साफ किया है कि अब पीएम किसान की सारी किस्तें Direct Benefit Transfer (DBT) प्रणाली से सीधे बैंक खातों में भेजी जाएंगी। किसी एजेंट या बिचौलिए की कोई भूमिका नहीं होगी।
किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका बैंक खाता आधार और NPCI सिस्टम से जुड़ा हो। जो खाते अभी लिंक नहीं हैं, उन्हें तुरंत बैंक शाखा में जाकर अपडेट करवाना चाहिए ताकि आने वाली किस्त में देरी न हो।
पीएम किसान योजना क्यों है खास?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना देश के छोटे और सीमांत किसानों के लिए आर्थिक सहारा है। इसके तहत हर पात्र किसान को साल में ₹6000 की सहायता राशि दी जाती है, जो तीन समान किस्तों में (हर चार महीने पर) ₹2000-₹2000 की जाती है।
इससे किसानों को खाद, बीज, कृषि उपकरणों और खेत की रखरखाव जैसी जरूरतों में मदद मिलती है। 2019 से अब तक इस योजना से 11 करोड़ से ज्यादा किसान परिवार लाभान्वित हो चुके हैं।